जब हमारे 4,32 ,000 साल पुरे होते है, तब कलियुग समाप्त होता है, 8,64,000 पुरे होते है, तब त्रेतायुग समाप्त होता है, द्वापरयुग का कालावधी 12,96,000 साल का है, सतयुग 17,28,000 साल का है, सब मिल के 43,20,000 साल व्यतीत होता है, तब एक चतुर्युगी पुरी होती है
ऐसे 71 चतुर्युगी समाप्त होते है, तब एक मन्वंतर होता है, ऐसे 14 मन्वंतर समाप्त होते है, तब ब्रम्हदेव का एक दिन होता है, हमारे साठ साल पुरे होते है, तब देवोंके दो महिने समाप्त होते है, हमारा एक साल समाप्त होता है, तब देवों का एक दिन समाप्त होता है, जैसे हमारा एक दिन समाप्त होता है, तब मख्खी, माछारोंका तीन chaturthansh जीवन पुरा होता है, हमारा एक दिन पुरा होता है, तब हमारे रक्त मे जो किटाणू है उनके दस कुल समाप्त होते है.
किटाणू के आगे आप ब्रम्हदेव है, मच्छरो के आगे आप देव है और देवों के आगे हमारा आयुष्य ठीक उतना है जितना हमारे आगे मच्छर और मख्खी का है.
ब्रम्हदेव के सिर्फ एक दिन मे ऐसे चौदा इंद्र बदलते है, इस समय ब्रम्हदेव 50 साल के है, 51 वे साल का पेहला दिन शुरू है, पेहले दिन का आधा भाग खतम हो गाय है, अब ये सातवा मन्वंतर शुरू है
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