Tuesday, October 19, 2010

हर बात

हर बात में धीरज रखें, विशेषकर अपने आप से. अपनी कमियों को लेकर धैर्य न खोएं अपितु तुरन्त उनका समाधान करना शुरू करें – हर दिन कर्म की नई शुरुआत है.

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