Belief
आस्था को उत्पन्न किया जाता है बल्कि कहना चाहिए कि अपने अंदर उसे ढूंढा जाता है| आस्था अन्तर्निहित होती है, लेकिन उसे बाहर प्रदर्शित करना होता है| अगर तुम अपने जीवन को देखो तो पाओगे, तुम्हारे जीवन में ईश्वर अनेक रूपों में कार्य कर रहा है, इससे तुम्हारी आस्था मजबूत होगी| कोई भी उसके गुप्त हाथों को नहीं देख पाता| अधिकाँश लोगइन घटनाओं को स्वाभाविक और अवश्यम्भावी समझते हैं"
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